मेडल जीतने वाले अमन सहरावत की पूरी कहानी सुनिए
हरियाणा के झज्जर जिले के बिहरोड गांव से अमन सहरावत का संघर्ष और जनून के दम पर पेरिस ओलंपिक में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल लेकर आना सुखद है।
मेडल जीतने वाले अमन सहरावत की पूरी कहानी सुनिए
सिर्फ 11 साल के थे जब उनके माता पिता का देहांत हो गया था। लड़के में हिम्मत थी और खूब ताकत थी।
चाचा उन्हें छत्रसाल स्टेडियम छोड़ आए। फिर अखाड़ा ही अमन का घर बना। उनके चाचा चाची ताऊ ताई और उनके बिहरोड़ गांव को भी नमन, जो इस लड़के का खयाल रखा।
अखाड़े में अपने कमरे की दीवार पर उन्होंने लिख लिया था, इतना आसान होता तो हर कोई कर लेता।
अमन ने आज उस मुश्किल मुकाम को हासिल कर लिया है जिसके कारण भारत के हर रेसलिंग हॉल में अमन की फोटुएं लगेंगी। मां बाप के बाद अखाड़ा उनका घर था लेकिन अब वे सालों साल भारत के हर अखाड़े में नए पहलवानों के दिल में बसेंगे. वतन के अमन को बहुत बधाई ।