हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए नामांकन आज से, बीजेपी-कांग्रेस ने अभी तक नहीं किया उम्मीदवारों का ऐलान
हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए नामांकन आज से
हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए नामांकन आज से, बीजेपी-कांग्रेस ने अभी तक नहीं किया उम्मीदवारों का ऐलान
हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट से दीपेंद्र हुड्डा के सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हो गई है. राज्यसभा सीट के लिए नामांकन आज से शुरू हो गया है. भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक इस सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
इस सीट पर वोटिंग के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्ष के पास बराबर विधायकों की संख्या है. लेकिन विपक्ष को इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग का डर है.
हालांकि कांग्रेस ने दल बादल एक्ट के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के पास याचिका दायर की है, लेकिन अभी तक याचिका का निपटारा नहीं हुआ है.
हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें हैं. कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हो गई थी. दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा में कार्यकाल अप्रैल तक था चूंकि उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक का है, इसलिए भारत निर्वाचन आयोग इस सीट पर उपचुनाव करा रहा है।
ECI ने उपचुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया है
ECI ने उपचुनाव की तैयारी पूरी कर ली है. उपचुनाव कराने के लिए आईएएस साकेत कुमार को रिटर्निंग (आरओ) नियुक्त किया गया है. नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त है. उम्मीदवार अगस्त को अपना नामांकन वापस ले सकेंगे 3 सितंबर को वोटिंग होगी. राज्यसभा सीट के लिए सितंबर को वोटिंग होगी वोटिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी. 8 घंटे की वोटिंग के बाद उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
जून को सीट खाली हो गई
हरियाणा के कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपी अधिनियम), 1951 की धारा 69(2) के तहत, यदि कोई व्यक्ति जो पहले से ही राज्य सभा का सदस्य है, लोकसभा के सदस्य के रूप में चुना जाता है, तो उस व्यक्ति की सांसद चुने जाने की तारीख से सीट खाली हो जाती है. इसलिए 4 जून से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सदस्य नहीं माने जाएंगे.
विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक बराबर
राज्यसभा चुनाव में विपक्ष एकजुट हुआ तो बीजेपी को मुश्किल हो सकती है. बीजेपी के पास फिलहाल 41 विधायक हैं. उसकी सहयोगी हलोपा को 1 और एक निर्दलीय सहित 43 विधायकों का सीधा समर्थन प्राप्त है. हालांकि, कांग्रेस छोड़ चुकीं तोशाम विधायक किरण चौधरी भी बीजेपी में हैं.
वह भी बीजेपी के पक्ष में वोट करेंगी, अगर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता कांग्रेस की याचिका पर उनके खिलाफ पार्टी कानूनी कार्रवाई नहीं करते हैं तो वह ऐसा कर पाएंगी.
विपक्ष में, वर्तमान में कांग्रेस के पास 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), जेजेपी के 10, इनेलो के 1 और 4 निर्दलीय हैं, कुल मिलाकर 43 विधायक हैं। विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष की स्थिति एक जैसी है.
क्रॉस वोटिंग से बीजेपी जीत सकती है
अगर चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई तो बीजेपी जीत सकती है. जेजेपी के दो विधायकों जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की खुलकर मदद की. चुनाव के बाद उन्होंने सीएम नायब सैनी से भी मुलाकात की. बीजेपी को राज्यसभा चुनाव में उनके समर्थन की उम्मीद रहेगी.
पूर्व सीएम और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी बार-बार कह चुके हैं कि कांग्रेस विधायक एकजुट नहीं हैं. कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है. ऐसे में बीजेपी को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग की उम्मीद रहेगी।