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 सीडीएलयू ने शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए छह कमेटियां बनाईं

 सीडीएलयू ने शोध कार्यों को

 सीडीएलयू ने शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए छह कमेटियां बनाईं

देश की बदलती सामाजिक संरचना और विकास में शोध कार्यों के सकारात्मक परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं। विश्वविद्यालयों में युवा विभिन्न विषयों में शोध कर सामाजिक ढांचे को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में विद्यार्थी बेहतर शोध कार्य कर सकें, इसके लिए छह विशेष समितियों का गठन किया गया है। इनमें अनुसंधान सलाहकार परिषद से लेकर अनुसंधान में कानूनी समस्याओं के समाधान संबंधी समिति तक शामिल हैं।
इन समितियों में विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रोफेसरों के साथ-साथ अन्य विश्वविद्यालयों के अनुभवी प्रोफेसर भी शामिल हैं। इसमें पांच विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शामिल हैं, जो शोध कार्यों की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में अपने सुझाव देंगे। विश्वविद्यालयों के शोध कार्यों के परिणाम समाज एवं देश के विकास के लिये आये।

डिब्बा
ये हैं प्रमुख समितियां
अनुसंधान सलाहकार परिषद
वित्त एवं अवसंरचना समिति
अनुसंधान कार्यक्रम और नीति विकास समिति
सहयोग और सामुदायिक समिति
उत्पाद विकास और व्यावसायीकरण समिति
आईपीआर, कानूनी और नैतिक समिति।

डिब्बा
यह समितियों का मुख्य कार्य है
शोध के नए आयाम तलाश रहे हैं।
अनुसंधान के लिए धन जुटाने के तरीकों की तलाश, जिससे अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा मिले।
शोध कार्यों में धोखाधड़ी या धोखाधड़ी जैसी चीजों को रोकना।
अनुसंधान कार्य जिससे उत्पाद निर्मित किये जा सकें। जो समाज और देश के हित में हो उसे बढ़ावा देना।

उद्धरण
विश्वविद्यालय में शोध कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। इस दिशा में समितियां गठित की गयी हैं. विश्वविद्यालय में समाज का हित सर्वोपरि है। शोधकर्ता देश के विकास के लिए शोध कार्य कर रहे हैं। – प्रो. अजमेर सिंह, कुलपति, सीडीएलयू।

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