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रजिस्ट्री के लिए ये डॉक्यूमेंट होता है इंपोर्टेंट, वरना नहीं मिलेगा रजिस्ट्री के बाद भी मालिकाना हक

जब जमीन या प्रॉपर्टी की बात आती है, तो केवल रजिस्ट्री करवाना पर्याप्त नहीं है। अपने प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को पुख्ता करने के लिए एक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है – नामांतरण या नेम ट्रांसफर। रजिस्ट्री आपके अधिकारों की शुरुआत होती है, लेकिन नामांतरण ही आपके वास्तविक मालिकाना हक को स्थापित करता है। आइए जानते हैं क्यों और कैसे यह प्रक्रिया महत्वपूर्ण है:

रजिस्ट्री और नामांतरण में अंतर

  1. रजिस्ट्री: यह दस्तावेज आपके प्रॉपर्टी के लेन-देन को आधिकारिक रूप देती है। रजिस्ट्री का मतलब है कि आपने प्रॉपर्टी की बिक्री का समझौता और दस्तावेजों को सरकारी रजिस्टर में दर्ज कराया है। लेकिन, रजिस्ट्री के बावजूद प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आप तक नहीं पहुंचता।
  2. नामांतरण (नेम ट्रांसफर): यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि प्रॉपर्टी के अधिकार आपके नाम पर ट्रांसफर हो गए हैं। नामांतरण के बिना, प्रॉपर्टी आपके नाम पर नहीं होती और आप किसी भी कानूनी दावे या अधिकार का दावा नहीं कर सकते। यह प्रक्रिया स्थानीय प्राधिकरण के पास की जाती है और इसमें रजिस्ट्री के अलावा अन्य दस्तावेज और सबूतों की आवश्यकता होती है।

नामांतरण की प्रक्रिया

  1. कृषि भूमि: यदि आप कृषि भूमि का नामांतरण कराना चाहते हैं, तो आपको अपने क्षेत्र के पटवारी के पास जाकर प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पटवारी आपके आवेदन और संबंधित दस्तावेजों की जांच करेंगे और नामांतरण प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
  2. आवासीय भूमि: आवासीय प्रॉपर्टी के लिए नामांतरण की जानकारी नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद या गांव के मामले में ग्राम पंचायत से प्राप्त की जा सकती है। ये प्राधिकरण नामांतरण की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों को लेकर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
  3. औद्योगिक और वाणिज्यिक भूमि: औद्योगिक भूमि के लिए औद्योगिक विकास केंद्र में जाकर नामांतरण की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वाणिज्यिक जमीन के मामले में जिला टाउन प्लानर के पास आपको सभी आवश्यक जानकारी मिल जाएगी।

नामांतरण के लिए आवश्यक दस्तावेज

  1. सेल डीड (Sale Deed): यह दस्तावेज रजिस्ट्री के समय जारी होता है और प्रॉपर्टी के लेन-देन को प्रमाणित करता है।
  2. पहचान पत्र और पते का प्रमाण: विक्रेता और खरीदार की पहचान और पते का प्रमाण।
  3. टैक्स रसीदें: सभी संबंधित टैक्स की रसीदें जो नामांतरण की प्रक्रिया के लिए आवश्यक हैं।
  4. प्रॉपर्टी की माप और स्थान से संबंधित दस्तावेज: प्रॉपर्टी की सही माप और स्थान से संबंधित दस्तावेज।

निष्कर्ष

रजिस्ट्री केवल एक शुरुआती कदम है, और प्रॉपर्टी पर वास्तविक मालिकाना हक पाने के लिए नामांतरण अनिवार्य है। बिना नामांतरण के, आप प्रॉपर्टी पर अपने अधिकारों का दावा नहीं कर सकते। इसलिए, प्रॉपर्टी खरीदते समय या अन्य तरीकों से अर्जित करते समय नामांतरण की प्रक्रिया को पूरा करना न भूलें। इसके लिए स्थानीय प्राधिकरण या संबंधित विभाग से जानकारी प्राप्त कर पूरी प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा करें।

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