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क्या है खेतों में तारबंदी योजना, सरकार दे रही 60 फीसदी तक अनुदान, ऐसे उठाए योजना का लाभ

राजस्थान सरकार की खेतों की तारबंदी के लिए अनुदान योजना किसानों को जंगली जानवरों और बेसहारा पशुओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए है। यह योजना किसानों को खेतों की तारबंदी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उन्हें लागत की भारी भरकम राशि का भार कम करने में मदद मिलती है। यहाँ इस योजना की मुख्य जानकारी, आवेदन प्रक्रिया, और आवश्यक शर्तों की विस्तृत जानकारी दी गई है:

योजना की प्रमुख बातें

  • अनुदान की दरें:
    • लघु एवं सीमान्त कृषकों: 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी पर लागत का 60% या अधिकतम ₹48,000 (जो भी कम हो)।
    • सामान्य कृषकों: 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी पर लागत का 50% या अधिकतम ₹40,000 (जो भी कम हो)।
    • सामुदायिक आवेदन: 10 या अधिक किसानों के समूह को 5 हेक्टेयर में तारबंदी करने पर लागत का 70% या अधिकतम ₹56,000 (जो भी कम हो)।
  • प्रति कृषक सीमा: 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय होगा।

आवेदन की शर्तें

  1. सभी श्रेणी के कृषकों को लाभ: यह योजना सभी वर्ग के कृषकों के लिए है।
  2. भूमि की न्यूनतम आवश्यकता:
    • व्यक्तिगत आवेदन: न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर भूमि एक ही स्थान पर होनी चाहिए।
    • अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में: न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर भूमि एक ही स्थान पर होनी चाहिए।
    • सामुदायिक आवेदन: 10 या अधिक कृषकों के समूह के पास न्यूनतम 5 हेक्टेयर भूमि और भूमि की सीमाएं निर्धारित पेरीफेरी में होनी चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया

  1. ऑनलाइन आवेदन:
    • पोर्टल: राज किसान साथी पोर्टल पर जनआधार के माध्यम से आवेदन करें।
    • ई-मित्र केन्द्र: नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर भी आवेदन किया जा सकता है।
  2. आवश्यक दस्तावेज:
    • आधार कार्ड
    • जन आधार कार्ड
    • जमाबंदी की नकल (छह माह से अधिक पुरानी नहीं हो)
    • बैंक खाता विवरण
  3. रसीद प्राप्ति: आवेदन-पत्र के ऑनलाइन जमा होने की रसीद ऑनलाइन प्राप्त होगी।

महत्वपूर्ण बातें

  • लघु एवं सीमान्त कृषक पंजीयन: केवल उन्हीं कृषकों को लघु एवं सीमान्त कृषक मानते हुए अनुदान के लिए पात्र समझा जाएगा जिनके जन आधार पर यह पंजीयन है। यदि जन आधार में लघु/सीमान्त कृषक की पंजीयन सुविधा नहीं है, तो सक्षम स्तर से जारी लघु/सीमान्त का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
  • स्वीकृति और भुगतान:
    • आवेदन के बाद कृषि विभाग द्वारा तारबंदी स्थापना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी।
    • तारबंदी के कार्य पूर्ण होने के बाद विभाग द्वारा मौके पर सत्यापन और जियोटेगिंग की जाएगी।
    • अनुदान राशि सीधे कृषक के खाते में जमा की जाएगी।

इस योजना का उद्देश्य किसानों को जंगली जानवरों और बेसहारा पशुओं से होने वाले नुकसान को कम करना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपने खेतों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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