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पितृ पक्ष 2024: पितरों की नाराजगी से बचने के लिए न खाएं ये चीजें

 

पितृ पक्ष एक विशेष समय होता है जब हिंदू धर्म में पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। यह अवधि भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन शुक्ल पक्ष की अमावस्या तक होती है। इस साल पितृ पक्ष 18 सितंबर 2024 से शुरू हो रहा है और 25 सितंबर 2024 तक रहेगा। इस समय में किए गए पिंडदान और श्राद्ध से पितर देवता संतुष्ट होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान विशेष ध्यान रखने वाली बात यह है कि कुछ चीजों का सेवन वर्जित होता है। इन वस्तुओं का सेवन करने से पितरों की नाराजगी हो सकती है और इससे घर में तंगी और समस्याएँ आ सकती हैं।

पितृ पक्ष में वर्जित खाने की चीजें

  1. मांसाहारी भोजन:
    • पितृ पक्ष के दौरान मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए। इसे पितरों की आत्मा की शांति के लिए उचित नहीं माना जाता है। मांसाहार से पितरों की आत्मा को अपवित्रता का आभास हो सकता है।
  2. अल्कोहल (शराब):
    • शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन पितृ पक्ष में वर्जित होता है। इसे पितरों के प्रति असम्मान माना जाता है और इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है।
  3. प्याज और लहसुन:
    • प्याज और लहसुन का सेवन भी पितृ पक्ष के दौरान न करने की सलाह दी जाती है। ये चीजें तामसीक मानी जाती हैं और पितरों के प्रति आदर का प्रतीक नहीं हैं।
  4. ठंडे और ताजे खाद्य पदार्थ:
    • इस दौरान ठंडे और ताजे खाद्य पदार्थों का सेवन जैसे कच्ची सब्जियाँ और सलाद से बचना चाहिए। पितृ पक्ष में गर्म और पके हुए भोजन को अधिक महत्व दिया जाता है।
  5. जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड:
    • जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी पितृ पक्ष में वर्जित है। यह पितरों की श्रद्धा और सम्मान के खिलाफ माना जाता है।
  6. ताजे दूध और दही:
    • ताजे दूध और दही का सेवन भी इस समय पर उचित नहीं माना जाता। इन चीजों की बजाय, उबले हुए और पकाए हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करना बेहतर होता है।

आवश्यक सुझाव

  • पाक-कला और पवित्रता: पितृ पक्ष के दौरान तैयार किए गए भोजन को पूरी श्रद्धा और पवित्रता के साथ बनाना चाहिए। सुनिश्चित करें कि भोजन पितरों की आत्मा को संतुष्ट करने के लिए समर्पित हो।
  • स्वच्छता का ध्यान रखें: इस समय में अपने भोजन और घर की स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

पितृ पक्ष के दौरान इन नियमों का पालन करके आप अपने पितरों की आत्मा को सम्मानित कर सकते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि बनाए रख सकते हैं।

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