मेथी की बुवाई से पहले खेत को ऐसे करें तैयार, देगी बड़ा मुनाफा, देखें एक्सपर्ट की राय
मेथी की उत्तम पैदावार के लिए सही समय और उचित कृषि विधियों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। सितंबर के तीसरे और चौथे सप्ताह में मेथी की बुवाई करने से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन सबसे आदर्श समय अक्टूबर और नवंबर का महीना माना जाता है। इस दौरान ठंडा मौसम और उच्च नमी बीजों के अंकुरण के लिए अनुकूल होते हैं।
1. बुवाई का सही समय
– अक्टूबर और नवंबर: इस समय मौसम ठंडा और नमी से भरपूर होता है, जिससे बीजों के अंकुरण की प्रक्रिया तेज होती है। तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
2. खेत की तैयारी
– मिट्टी का प्रकार: दोमट मिट्टी, जिसमें जल निकासी अच्छी हो, सबसे उपयुक्त है।
– मिट्टी की जांच: पीएच स्तर 6 से 7 के बीच सुनिश्चित करें।
– खेत की तैयारी: एक या दो बार हल चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। उर्वरक जैसे कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें।
3. बीज का उपचार
– भिगोना: बीजों को बुवाई से पहले 12 घंटे पानी में भिगोकर रखें।
– जैविक उपचार: जैविक फफूंदनाशक से उपचारित करें।
– बीज की मात्रा: एक हेक्टेयर में 20-25 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
– बुवाई की गहराई: 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बुवाई करें।
– सिंचाई: बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें और फिर हर 7-10 दिन में सिंचाई करते रहें। जलभराव से बचें।
4. पैदावार बढ़ाने के उपाय
– जैविक खाद: गोबर की खाद या कम्पोस्ट का उपयोग करें।
– NPK संतुलन: नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग करें।
– खरपतवार प्रबंधन: समय-समय पर खरपतवार हटाएं।
– गुड़ाई: बुवाई के 20-25 दिन बाद पहली गुड़ाई करें और फिर 40-45 दिन बाद दूसरी गुड़ाई करें।
5. कीट और रोग प्रबंधन
कीट प्रबंधन: एफिड और जड़ गलन जैसी बीमारियों के लिए नीम के तेल या जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें।
– रोग प्रबंधन: रोगग्रस्त पौधों को तुरंत हटा दें।
6. कटाई
– समय: बुवाई के 30-35 दिन बाद पौधे की पत्तियां पूरी तरह से हरी और मुलायम हों, तभी कटाई करें।
-पत्तियों की कटाई: बार-बार पत्तियों को काटने से नई पत्तियां उगती हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों में वृद्धि होती है।
इन सलाहों का पालन करने से न केवल मेथी की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि फसल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।