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Sirsa Breaking – गोपाल कांडा के लिए रोड़ा बन रहा सिरसा नगर परिषद में हुआ घपला-घोटाला, पढ़ें पुरी खबर

सिरसा। सिरसा नगर परिषद के घपले-घोटालों पर मूकदर्शक बने रहना सिरसा के विधायक के लिए तकलीफदेह बना हुआ है। पांच साल तक चुप रहने वाली जनता अब चुनाव में इसका जवाब मांगने लगी है। सरकारी खजाने से सिरसा के विकास के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद सिरसा की बदहाली नहीं सुधरी। अब चुनावी दौर में सिरसा के वोटरों का रूख परेशान करने वाला बना हुआ है।

समाजसेवा के लिए राजनीति करने का दावा करने वाले कांडा बंधुओं द्वारा लोगों की समस्या के समाधान के लिए अपने निजी कोष से भी लाखों रुपये दिए जाते है। हलोपा सुप्रीमो एवं सिरसा के विधायक गोपाल कांडा ने चंडीगढ़ में सिरसा की जमकर पैरवी की। सरकार को समर्थन देने की एवज में सिरसा के विकास की शर्त रखीं। सिरसा के विकास के लिए सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये रिलीज भी करवाए।

चंडीगढ़ से करोड़ों रुपया सिरसा पहुंचा भी लेकिन अधिकारियों व ठेकेदारों ने उसे हजम कर दिया। सिरसा के विधायक नगर परिषद सिरसा के घपले-घोटालों पर चुप्पी साध गए। जिन अधिकारियों व ठेकेदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, वे कांडा के आसपास मंडराते देखे गए। पांच साल के दौरान सिरसा की जनता ने दर्द सहा। वह समय का इंतजार ही कर रही थी। अब चुनावी दौर आया तो जनता ने भी मुंह फेर लिया।

अचरज इस बात का है कि 2009 में सिरसा से विधायक चुने जाने के बाद स्थानीय निकाय राज्यमंत्री के रूप में गोपाल कांडा ने सिरसा नगर परिषद में घपले-घोटालों की शिकायत मिलने पर विजिलेंस जांच की अनुशंसा की। परिणाम स्वरूप विजिलेंस ने जांच की और लाखों का घपला सिद्ध हुआ। नगर परिषद के ईओ, एमई, जेई सहित दर्जनभर अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस ने मामला दर्ज किया।

सिरसा के एक अखबार की खबर अनुसार वर्ष 2019 में वे फिर से सिरसा के विधायक चुने गए। सिरसा के लोगों को लगा कि उनका नेता घपले-घोटालों की निगरानी करेगा। भ्रष्ट अधिकारियों व ठेकेदारों को सलाखों के पीछे पहुंचाएगा लेकिन इस बार उन्हें हैरानी हुई। भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी व – ठेकेदारों पर कांडा मेहरबान नजर – आए। मामले की जांच की मांग – करने वालों के खिलाफ ही डीसी से कार्रवाई करने की अनुशंसा – करके आवाज दबाने का कार्य कर डाला।

अकेले सिरसा नगर परिषद के कारनामे ऐसे रहे जिसने सिरसावासियों को बेचैन – कर डाला। हाऊस टैक्स और – एनडीसी ने इतने चक्कर लगवाए कि लोग उसे भूला नहीं पाते। नगर परिषद में हलोपा चेयरपर्सन रीना सेठी के कार्यकाल में स्टार्म वॉटर प्रोजेक्ट बना। इस प्रोजेक्ट में करोड़ों के घपले-घोटाले के आरोप लगे। एस्टीमेट राशि से कहीं बढ़कर ठेका दिया गया। ड्राइंग के अनुसार पाइप नहीं बिछायी गई। सरकारी खजाने से करीब 37 करोड़ खर्चने के बावजूद जनता भवन रोड हो या सूरतगढिय़ा बाजार, गोल डिग्गी चौक हो या सुरखाब चौक। शहरी एरिया में जलभराव की स्थिति बन जाती है।

अग्रेसन कालोनी जैसी दो दशक पहले थी, वैसी ही अब है। गलियां बनीं, सड़क बनी, सीवर साफ हुए, स्टार्म वॉटर की पाइप डली लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं आया। ऐसे में लोग पूछते है कि आखिर विकास कहां हुआ ? सिरसा के विधायक के रूप में गोपाल कांडा क्यों उनके साथ खड़े नहीं दिखाई दिए ? कांडा ने क्यों नहीं पूछा कि प्रोजेक्ट का पैसा कौन डकार गया ?

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