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दानवीर व कुंती पुत्र कर्ण ने बसाया था यह अद्भूत शहर

यह अद्भूत शहर

दानवीर व कुंती पुत्र कर्ण ने बसाया था यह अद्भूत शहर

 

करनाल हरियाणा का पहला और इकलौता ऐसा शहर है जो नवीनतम तकनीक के आधार पर बसाया। कर्ण जलाशय और चक्रवर्ती झील यहां पर हैं तो कुंजपुरा में सैनिक स्कूल भी है।

 

 

करनाल को यूं ही रिसर्च सिटी नहीं कहा जाता है। एक दंतकथा के अनुसार कुंती पुत्र कर्ण ने करनाल बसाया था। है। यहां पर कर्ण तालाब बना हुआ है। इस तालाब के किनारे बना मां मनसा देवी का प्राचीन मंदिर लोगों की अटूट आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में मां मनसा देवी के साथ मां शेरावाली, मां काली, मां लक्ष्मी, भैरों , शनिदेव, हनुमान जी और भगवान शिव शंकर विराजमान हैं। एक कथा प्रचलित है कि मंदिर में पूजा के बादकर्ण लोगों को सोना दान में देते थे। इसीलिए उन्हें दानवीर कर्ण कहा जाता है। करनाल की कहानी पर एक नजर।

 

 

1 नवम्बर 1966 को ही हरियाणा गठन के समय से करनाल जिले के रूप में वजूद है। करनाल हरियाणा का अनुसंधान सिटी है। यहां पर बेशुमार अनुसंधान संस्थान हैं। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान यहां पर है, जिसकी स्थापना 1955 में हुई थी। 1969 में यहां पर राष्ट्रीय मिट्टी लवणता अनुसंधान संस्थाना बनाया गया जबकि 1978 में राष्ट्रीय गेहूं और जौं अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया। 1985 में राष्ट्रीय पशु अनुवांशिकी ब्यूरो करनाल में बनाया गया। करनाल में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय है तो पंडित दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी भी यहां पर है। करनाल के मधुबन में ही हरियाणा पुलिस अकादमी है तो एनसीसी अकेडमी भी यहां पर हैं।

 

 

 

करनाल अनूठे मेलों के लिए भी प्रसिद्ध रहा है। पराशर मेला यहां का प्रसिद्ध है। इसके अलावा गांव अमुरपूर में छडिय़ों का मेला तो इंद्री में बाबा सिमरनदास मेला होता है। करनाल से एक दिलचस्प वाकया और जुड़ा है। पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खां का जन्म करनाल में हुआ। करीब 2520 वर्ग किलोमीटर में फैले करनाल को जूतों की नगरी भी कहा जाता है।

 

 

 

इसकी वजह यह है कि यहां पर लिबट्री कंपनी का एक बड़ा कारखाना मौजूद है। ऑनलाइन जमाबंदी करने वाला हरियाणा का पहला जिला करनाल ही है। करनाल को कल्पना चावला की वजह से भी जाना जाता है। अंतरिक्ष परी कल्पना चावला का जन्म करनाल में ही हुआ था। साल 1739 में करनाल प्रमुखता से असित्तव मे आया जब नादिर शाह ने करनाल में मुहमद शाह को हराया था। जींद के राजा गोपाल सिंह ने 1863 में करनाल पर कब्जा कर लिया था। इससे पहले साल 1785 में मराठों ने करनाल में खुद को स्थापित किया था। मराठों ने अंत में जींद के राजा भाग सिंह से करनाल शहर को जीत लिया और इसे जॉर्ज थॉमस को सौप दिया। इस बीच लाडवा के राजा गुरदित सिंह ने करनाल पर कब्जा कर लिया। 1805 में अंग्रेजों ने यहा पर कब्जा कर लिया था और मंडल बनाया। करनाल में कलदंर शाह की दरगाह बहुत प्रसिद्ध है। करनाल शहर महान सम्राट पृथ्वीराज चौहन का भी गढ रहा है। आज भी यहां पर चौहान का किला मौजूद है। इस किले में स्थानीय निवासी ही रहते है! करनाल के तरावड़ी में औरंगजेब के पुत्र आजम का जन्म हुआ था। आजम के नाम पर इसका नाम आजमाबाद रखा गया था। बाद में यह आजमाबाद से तरावड़ी हो गया। औरंगजेब ने इसके चारों तरफ दीवार बनवाई थी और चारदीवारी के अन्दर तालाब और मस्जिद का निर्माण भी कराया था।

 

 

 

यह तालाब और मस्जिद बहुत खूबसूरत है। इसे देखने के लिए पर्यटक प्रतिदिन यहां आते हैं। यहां पर बासमती चावलों की खेती की जाती है। इन चावलों का निर्यात विदेशों में किया जाता है। करनाल पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मदगोरी के बीच हुई तराइन के युद्धों के लिए भी जाना जाता है। पहला युद्ध 1191 में जबकि दूसरा 1192 में हुआ। साल 1739 में करनाल में ईरानी शासक नादिर शाह का युद्ध मोहम्मद शाह के साथ हुआ। करनाल को कर्ण नगरी के अलावा धान का कटोरा भी कहा जाता है। करनाल हरियाणा में सबसे अधिक धान उत्पादन करने वाला इलाका है। करनाल में इंद्री, घरौंडा, नीलोखेड़ी, असंध और करनाल कुल 5 तहसील हैं और ये सभी विधानसभा क्षेत्र भी हैं। नीलोखेड़ी में हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान है। यह दरगाह शहर के बाहर ही स्थित है। कब्र संगमरमर से बनी है और इस पर नक्काशी की गई है। इस कब्र को दिल्ली के सम्राट गियास-उद-दीन, एक प्रसिद्ध मुस्लिम संत और ऋषि बो-अली-कलन्दर शाह की याद में बनाई गई थी, जिन्होंने अपनी सोच से सबको प्रभावित किया था और सभी समुदायों को व्यापक रूप से सम्मानित किया था। बाड़े के भीतर मस्जिद और फव्वारे के साथ एक जलाशय है। करनाल के पास सीतामई गांव में स्थित एक प्राचीन मंदिर में अद्वितीय विशेषताएं हैं। यह शायद भारत में देवी सीता का एकमात्र मंदिर है। किवदंती के रूप में, यह कहा जाता है कि सीता माई मंदिर वही स्थान है जहां मां पृथ्वी ने देवी सीता माता को निगल लिया जबकि उसे अपनी पवित्रता साबित करनी थी। करनाल में खूबसूरत छावनी चर्च भी है। इस चर्च को कई मील दूर से भी देखा जा सकता है यह लगभग 100 फीट ऊंचा है। चर्च में धातु का क्रॉस भी लगाया गया है।

 

 

 

 

इसका निर्माण सेंट जेम्स ने करवाया था। उन्हीं के नाम पर इसका नामकरण किया गया है। यहां के बस्तली गांव में महर्षि वेदव्यास का आश्रम बना हुआ है। उन्होंने यहीं पर महाभारत की रचना की थी। करनाल को सीएम सिटी भी कहा जाता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का यह निर्वाचन क्षेत्र हैं। खट्टर 2014 और 2019 में करनाल से विधायक चुने गए। 2019 के संसदीय चुनाव में करनाल में एक अनूठा रिकॉर्ड बना।

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