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डेंगू-मलेरिया मरीजों का निशुल्क इलाज सुनिश्चित करे सरकार:कुमारी सैलजा

भाजपा सरकार की लापरवाही से बढ़ रहे डेंगू-मलेरिया के मामले

डेंगू-मलेरिया मरीजों का निशुल्क इलाज सुनिश्चित करे सरकार:कुमारी सैलजा

भाजपा सरकार की लापरवाही से बढ़ रहे डेंगू-मलेरिया के मामले

प्रदेश में न कहीं फॉगिंग करवाई, न ही मरीजों की देखभाल के उचित प्रबंध

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में डेंगू व अन्य बुखार के केस बढने के लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने डेंगू की आहट को भांपते हुए कहीं पर भी एहतियात के तौर पर फॉगिंग नहीं करवाई, न ही लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। महीने भर से प्रदेश में तेजी से डेंगू-मलेरिया के मामले बढने के कारण लोग इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रूख कर रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह डेंगू-मलेरिया व अन्य बुखार से पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज निशुल्क कराने का इंतजाम करे।

 

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मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार को प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की कोई फिक्र नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही के मामले औसतन हर सप्ताह प्रदेश के किसी न किसी कोने से आते रहते हैं। इसके बावजूद न तो स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया गया और न ही स्वास्थ्य विभाग की बिगड़ चुकी सेहत को सुधारने के लिए कोई कदम उठाया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब डेंगू, मलेरिया व अन्य बुखार का सीजन हर साल आता है तो फिर भाजपा सरकार ने पहले से तैयारी क्यों नहीं की। शहरों व गांवों में न तो फॉगिंग करवाई गई और न ही मलेरिया व अन्य बुखार को देखते हुए संवेदनशील घोषित इलाकों में मच्छरदानी वितरित की गई। यही नहीं, सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के समुचित इलाज के लिए भी पूरे इंतजाम नहीं किए गए। अब अन्य सालों के मुकाबले डेंगू-मलेरिया व अन्य बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, फिर भी भाजपा सरकार चुप्पी साधे हुए है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में

 

लैब, पैरा मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और स्पेशलिस्ट डॉक्टर के हजारों पद खाली पड़े हैं। इनमें से काफी पद तो ऐसे हैं, जिनके लिए किसी तरह की भर्ती प्रक्रिया भी अभी तक शुरू नहीं की गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ के हजारों पद खाली हैं। रेडियोलॉजिस्ट, स्टाफ नर्स, रेडियोग्राफर, एमपीएचडब्ल्यू, लैब टेक्निशियन, फॉर्मासिस्ट, ऑर्थो असिस्टेंट के पदों पर भी भर्ती नहीं की जा रही। कुमारी सैलजा ने कहा कि पीजीआई रोहतक, जो अब मेडिकल यूनिवर्सिटी है, में डॉक्टरों के 45 प्रतिशत पद खाली हैं। इससे यहां बेहतर इलाज की आस में पहुंचने वाले हजारों लोगों के साथ ही एमबीबीएस, एमडी/एमएस की पढ़ाई करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे साफ है कि भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में एक बार भी बीमार हो चुके स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त करने की कोशिश नहीं की और लोगों के इलाज को लेकर पूरी तरह संवेदनहीन बनी रही।

 

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