Kisan Andolan:Kisan Andolan:दिल्ली कूच का ऐलान: टूट गया किसानों का सब्र, शंभू बॉर्डर से रवानगी
Kisan Andolan:दिल्ली कूच का ऐलान: टूट गया किसानों का सब्र, शंभू बॉर्डर से रवानगी
दिल्ली कूच का ऐलान: टूट गया किसानों का सब्र, शंभू बॉर्डर से रवानगी
किसानों का बड़ा फैसला
पंजाब के शंभू बॉर्डर पर लंबे समय से डेरा डाले किसानों का सब्र अब जवाब दे गया है। सरकार के वादों पर अमल न करने और उदासीन रवैये से नाराज किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। किसान नेता सरवंत सिंह पंढेर ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।
तैयारियां पूरी, 101 किसानों का जत्था होगा रवाना
जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब 1 बजे शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना होगा। किसान नेताओं का कहना है कि यह फैसला सरकार की नीतियों और वादाखिलाफी के खिलाफ उठाया गया है। सरवंत सिंह पंढेर ने बताया कि यह मोर्चा 257 दिनों से जारी है, जबकि खनौरी सीमा पर चल रहा आमरण अनशन 11वें दिन में प्रवेश कर चुका है।
गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को किया याद
किसानों ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को याद करते हुए कहा कि यह दिन मानवता और किसानों के हितों के लिए समर्पित है। इसी भावना के साथ किसान अपना बलिदान देने के लिए दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
प्रशासन ने भी कसी कमर
किसानों के इस ऐलान के बाद प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जिले में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के जमावड़े पर रोक लगा दी है। डिप्टी कमिश्नर ने जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
केंद्रीय बलों की तैनाती और बैरिकेडिंग
किसानों के जत्थे को रोकने के लिए हरियाणा सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा कई जगहों पर बैरिकेडिंग भी की गई है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
किसानों का आरोप और सवाल
किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार उनके विरोध को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अंबाला के डीसी का बयान भ्रमित करने वाला है, जिसमें किसानों के पास घातक हथियार होने और हरियाणा में दंगे होने की संभावना जताई गई है। किसान नेताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि खाप पंचायतों और अन्य संगठनों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है।
आगे क्या होगा?
किसानों के इस बड़े कदम के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और अगले कुछ घंटों में आंदोलन को लेकर क्या नया मोड़ आता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।