अपने भक्तों की रक्षा व दुष्टों का नाश करने के लिए परमात्मा अवतार लेते हैं: स्वामी रामाचार्य महाराज
Sirsa Live 9 September: सिरसा। बिश्नोई सभा सिरसा के 50वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर में परिसर में चल रही हरिकथा में आचार्य स्वामी रामाचार्य महाराज ने बताया कि जब पृथ्वी पर दुष्ट प्रवृत्त्ति लोगों का भार बढ़ जाता है,
तब परमात्मा उनके नाश के लिए व अपने भक्तजनों की रक्षा के लिए अवतार लेते हंै। गुरु जांभोजी का अवतार भी इसी उद्देश्य हित था। परंतु यह अवतार अन्य अवतारों से भिन्न था। जांभोजी खडग़ नहीं, बल्कि ज्ञान रूपी खडग़ से लोगों को सही रास्ते पर लाए। निराकार से साकार रूप में आने पर भी वो मनुष्य खूबियों रहित-आलौकिक से सृजित थे।
आचार्य ने लोहट हंसा के सुखमय दाम्पत्य जीवन से प्रेरणा लेकर परिवार में पति-पत्नी को अच्छे संबंधों से जीवन यापन करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जिस घर में पति-पत्नी में क्लेश रहता हो, झगड़ा फसाद हो, उस घर के बच्चे कभी संस्कारवान नहीं हो सकते। उन्होंने आज के इस दौर में युवाओं में फैल रहे तरह-तरह के नशे व बढ़ती हुक्का प्रवृत्त्ति पर चिंता जताई व मां-बाप को अपनी संतानों पर ध्यान देने का आह्वान किया। आज की कथा में आचार्य जी ने गुरु जांभोजी के अवतार की विस्तृत चर्चा की।
दैनिक जीवन शैली में उन्होंने प्रात: ब्रह्ममूर्त/अमृत बेला का महत्व बतरसर कि इस समय उठकर स्नान-ध्यान करने वाला मानव जीवन में उन्नति करता है तथा इस नियम की सख्ती से पालना करनी चाहिए।
आज राजस्थान के सेवानिवृत्त्त पुलिस अधिकारी विजयपाल को स्मृति चिन्ह व मंगल वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस अपसर पर सभा कार्यकारिणी सदस्यों में सचिव ओपी बिश्नोई, कोषाध्यक्ष राजकुमार बैनीवाल, प्रचार सचिव डा. मनीराम सहारण, सहसचिव जगतपाल कड़वासरा, कृष्णलाल बैनीवाल, सुशील बैनीवाल, पवन कड़वासरा एडवोकेट, जिले सिंह गोदारा, आत्माराम सीगड़, दारा सिंह डेलू, सीताराम बैनीवाल, दलीप सिंह भांभू, जदीश कसंवा गुसाईआना, अमर सिंह पूनियां सहित शहर व गांवों से आए श्रद्धालु उपस्थित थे।