इस सर्द मौसम में हरियाणा के इकलौते हिल स्टेशन मोरनी हिल्स में ये 10 जगह हैं घूमने के लिए खास
कुदरत की गोद में बसा है हरियाणा का मोरनी हिल्स। हिमालय की वादियां, कलकल बहती नदी, पहाड़ों से निकलने वाले मनोरम झरने सहज ही आपक ध्यान खींच लेते हैं। हरियाणा का इकलौता हिल स्टेशन है मोरनी। देवदार के बड़े-बड़े पेड़, पक्षियों का कलवर यहां आकार आपकी रुह को सुकून मिलता है। मोरनी पंचकूला जिले का एक गांव और पर्यटक स्थल है। यह चंडीगढ़ से 45 जबकि पंचकूला से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित है। मोरनी हिमालय की वादियों के दृश्य, कुदरती वनस्पतियों और झीलों के लिए जाना जाता है। मोरनी के पीछे एक अनूठी कहानी है।
माना जाता है कि मोरनी का नाम एक रानी से निकला था जिसने एक बार इस क्षेत्र पर शासन किया था। मोरनी हिल्स हिमालय की शिवालिक रेंज की शाखाएं हैं, जो दो समानांतर पर्वतमालाओं में चलती हैं। मोरनी गांव समुद्र तल से 1,220 मीटर ऊंचाई पर पहाड़ी पर स्थित है। पहाडय़िों की तलहटी में दो झीलें हैं। टिकर ताल झील 550 मीटर लंबी और 460 मीटर चौड़ी है। एक पहाड़ी दो झीलों को विभाजित करती है, लेकिन उनमें एक छिपी हुई चैनल होने का सिद्धांत है, क्योंकि दो झीलों का जल स्तर लगभग समान ही रहता है। मोरनी के स्थानीय लोग झीलों को पवित्र मानते हैं।
चंडीगढ़ से नजदीक मोरनी हिल्स हरियाणा का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। मोरनी हिल्स में टिकर ताल, एडवेंचर पार्क, पुराना किला सहित कई मंदिर हैं।
टिकर ताल में हरियाणा पर्यटन विभाग का एक खूबसूरत होटल और रेस्टोरेंट है। इसके साथ ही हरियाणा टूरिज्म का ही माऊंटेन केल और लोक निर्माण विभाग का भी रेस्ट हाऊस है। मोरनी हिल्स में हरियाणा के बेशुमार राजनेताओं और अफसरों ने भी कॉटेज बना रखे हैं। हरे-भरे क्षेत्र से घिरा यह पर्वतीय गंतव्य एक शानदार वीकेंड गेवटे है, जहां आसपास के शहरों से पर्यटक सप्ताहंत के दौरान मौज-मस्ती और सुकून के पल बिताने के लिए आते हैं।
हिमालय की शिवालिक श्रृंखला इस हिल स्टेशन को खास बनाने का काम करती है। अगर आप दिन के कुछ घंटे आराम से बिताना चाहते हैं तो आप यहां जरूर आएं। यहां आप प्राकृतिक नजारों के अलावा एडवेंचर गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकते हैं। मोरनी हिल्स का मौसम साल भर खुशनुमा बना रहता है। चंडीगढ़-पंचकूला से आप मोरनी हिल्स जा सकते हैं। आप भ्रमण की शुरूआत टिकर ताल से कर सकते हैं। यह ताल दो खूबसुरत झीलों के लिए जाना जाता है। मोरनी गांव से यह ताल 7 किलोमीटर दूर है।
यहां पर बोटिंग भी कर सकते हैं। रहने के लिए यहां पर एक होटल बना हुआ है। शिवालिक श्रृंखला के परिदृश्य के साथ यह स्थल सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करने का काम करता है। एक चट्टानी पहाड़ी इस दो जुड़वा तालों को अलग करने का काम करती हैं। इन झीलों के नाम है बड़ा ताल और छोटा ताल। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां की यात्रा कर सकते हैं।
मोरनी हिल्स में एक एडवेंचर पार्क भी है। इसके साथ ही यहां से 17 किमी की दूरी पर स्थित गुरुद्वारा नाडा साहिब यहां के प्रसिद्ध स्थलों में गिना जाता है, जो सिखों का एक पवित्र स्थान है। किवदंती के अनुसार आनंदपुर साहिब की यात्रा के दौरान गुरू गोबिंद सिंह जी इस स्थल पर ठहरे थे। यह एक शानदार स्थल है। यहां पर कुछ झरने भी हैं जो बरसाती सीजन में आपका ध्यान खींच लेते हैं। मोरनी हिल्स में गांव थापली के पास घग्घर नदी बहती है। यहां पर भी लोग पिकनिक मनाने आते हैं।