नशे के कारोबार के बीच पंजाब से सटे कालांवाली मेडिकल स्टोर पर एक और कार्रवाई
नशे के कारोबार
नशे के कारोबार के बीच पंजाब से सटे कालांवाली मेडिकल स्टोर पर एक और कार्रवाई
कालांवाली. पंजाब से महज चार किलोमीटर दूर कालांवाली क्षेत्र के युवा मेडिकल और चिट्टे के आदी होते जा रहे हैं। युवा नशे की चपेट में आकर अपना और अपने परिवार का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा नशे पर रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयास करने के बावजूद मेडिकल नशे और चिट्टे पर अंकुश नहीं लग पाया है। कालांवाली में ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम ने सबसे ज्यादा मेडिकल स्टोर सील किए हैं। गुरुवार को जहां एक लाख से अधिक प्रतिबंधित गोलियां जब्त की गईं, वहीं शुक्रवार को विभाग ने कालांवाली में एक और मेडिकल स्टोर भी सील कर दिया।
29 अगस्त को औषधि नियंत्रण विभाग ने कालांवाली से मेडिकल दवाओं के थोक विक्रेता जस्सी मेडिकोज से प्रतिबंधित दवाओं के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली लगभग 178,000 गोलियां और कैप्सूल बरामद किए थे। थोक विक्रेता की दुकान सील कर दी गई। 30 अगस्त को पुलिस ने कालांवाली में हर्ष मेडिकल स्टोर से 228 गोलियां व कैप्सूल बरामद कर उसे सील कर दिया था। हैरानी की बात यह है कि गुरुवार को कार्रवाई के बाद भी मेडिकल स्टोर संचालक प्रतिबंधित दवाएं बेच रहे हैं। औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा कालांवाली को विशेष सूची में शामिल किया गया है। पिछले छह माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो कालांवाली में दस से अधिक बार मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी हो चुकी है। इसके बाद भी मेडिकल दवाएं धड़ल्ले से बिक रही हैं।
मालिक बदलने से नशीली दवाओं का कारोबार शुरू हो गया
कालांवाली शहर व आसपास के गांवों में औषधि नियंत्रण विभाग व पुलिस प्रशासन पिछले पांच माह में कई बार मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी कर चुका है। करीब 10 मेडिकल स्टोर सील कर दिए गए हैं. इनमें से कई मेडिकल स्टोर कुछ महीनों के बाद फिर से खुल गए हैं। मेडिकल स्टोर संचालक मालिक का नाम बदलकर दोबारा दुकान शुरू कर देते हैं। औषधि नियंत्रण विभाग के अनुसार, कई गोलियां जैसे ट्रामाडोल, टेपेंटाडोल, प्रोगावेलिन और अन्य को एनडीपीएस के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
कच्ची सड़कों से ड्रग्स की सप्लाई होती है
जानकारी के मुताबिक कालांवाली क्षेत्र में पंजाब से हेरोइन और मेडिकल नशे की सप्लाई होती है। पुलिस प्रशासन ने पंजाब सीमा पर गांव देसुमलकाना, गांव नौरंग, गांव तख्तमल, गांव सिंघपुरा आदि में नाकाबंदी कर दी है। इसके बावजूद नशे के सौदागर कच्ची सड़कों से नशे की सप्लाई कर रहे हैं। कालांवाली पुलिस ने लगातार नशा तस्करों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की है। इस धंधे में युवाओं के साथ-साथ लड़कियां, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। कालांवाली क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग या रोजगार का कोई अन्य विकल्प नहीं होने के कारण लोग मादक पदार्थों की तस्करी का सहारा लेते हैं।
नशे की वजह से कई मौतें हो चुकी हैं
कालांवाली शहर और आसपास के गांवों में हेरोइन और मेडिकल ड्रग्स के कारण कई मौतें हो चुकी हैं। 28 जून को कालांवाली में रेलवे लाइन के पास झाड़ियों में वार्ड नंबर 8 के एक युवक का शव मिला था। उसके पास ही एक इंजेक्शन मिला। 18 जून को वार्ड नंबर 5 के एक युवक की नशे के कारण मौत हो गयी. कालांवाली कस्बे के अलावा जगमालवाली, गदराना, पक्का शहीद, जलालाना, दादू व सिंघपुरा आदि गांव भी नशे की दलदल में हैं। नशे के कारण क्षेत्र में काला पीलिया और एचआईवी जैसी भयानक बीमारियाँ भी फैली हुई हैं।
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कालांवाली क्षेत्र में मेडिकल नशे की रोकथाम के लिए वे लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। मेडिकल स्टोरों का भी लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और गड़बड़ी पाए जाने पर सील कर दिया जा रहा है। नशा तस्कर खुलेआम करियाना दुकानों, आने-जाने वाले वाहनों आदि में विभिन्न तरीकों से नशा बेचते हैं। ऐसे में कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है. मेडिकल स्टोर से नशीली दवाएं लाते पकड़े जाने पर भी सख्त कार्रवाई की जाती है। -केशव वशिष्ठ, निरीक्षक, औषधि नियंत्रण विभाग।
नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. औषधि नियंत्रण विभाग और पुलिस नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। नशे के सौदागरों को बख्शा नहीं जाएगा। -दीप्ति गर्ग, एसपी डबवाली