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भूलकर भी न करें तुलसी से जुडी ये गलती, खाली कर देगी आपकी तिजोरी
तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना न केवल धार्मिक आस्था को बनाए रखता है, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली को भी सुनिश्चित करता है। यहाँ पर तुलसी से संबंधित कुछ मुख्य नियम और गलतियाँ बताई गई हैं जिन्हें जानकर आप आसानी से अपने धार्मिक अनुष्ठानों को सही तरीके से कर सकते हैं:
तुलसी से संबंधित मुख्य नियम
- एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें:
- एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचना चाहिए। इस दिन तुलसी की पूजा विशेष महत्व रखती है और बिना तुलसी के पूजा अधूरी मानी जाती है। अगर एकादशी के दिन पत्ते तोड़ने की जरूरत है, तो यह दशमी तिथि पर करना सही रहेगा।
- ग्रहण के दिनों पर सावधानी बरतें:
- रविवार और चंद्र-सूर्य ग्रहण के दिनों में तुलसी के पत्ते न तोड़ें। इन दिनों तुलसी के पत्तों को छूना और जल अर्पित करना भी मना होता है, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
- सूर्यास्त के बाद पत्ते न तोड़ें:
- सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते तोड़ना न केवल धार्मिक दृष्टि से गलत माना जाता है, बल्कि यह भी शुभ नहीं माना जाता। तुलसी के पत्ते हमेशा सूरज के उगने से लेकर अस्त होने तक ही तोड़े जाएं।
- तुलसी के पत्ते तोड़ते समय प्रणाम करें:
- जब भी तुलसी के पत्ते तोड़े जाएं, हाथ जोड़कर पहले प्रणाम करना चाहिए। यह धार्मिक आस्था और सम्मान को दर्शाता है।
- नाखून की मदद से पत्ते न तोड़ें:
- तुलसी के पत्ते तोड़ते समय नाखून की मदद न लें। हाथ से पत्ते तोड़ना उचित माना जाता है, जिससे पत्ते को अधिक नुकसान न पहुंचे और उसकी पवित्रता बनी रहे।
तुलसी के पौधे की पूजा और देखभाल के नियम
- प्रत्येक दिन पूजा करें: तुलसी की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि लाने में मदद करती है।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: तुलसी के पौधे के आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें। गंदगी और कीटों से पौधे को बचाएं।
- पानी का ध्यान रखें: तुलसी को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन अत्यधिक पानी देने से बचें। पौधे की मिट्टी को नम रखें, लेकिन गीला न करें।
इन नियमों का पालन करने से आप तुलसी के पौधे की पवित्रता बनाए रख सकते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में पूर्णता पा सकते हैं।