ताजा खबरेंसिरसा
सितंबर महीने में आलू अगेती किस्म की बुआई के लिए करें तीन किस्मों की खेती, 70 दिनों में हो जाएंगी तैयार
सितंबर में आलू की अगेती किस्मों की बुआई के लिए सही चयन
आलू एक प्रमुख खाद्य फसल है जिसकी मांग और सप्लाई सालभर बनी रहती है। सही किस्म का चयन कर के आप अपनी पैदावार को बढ़ा सकते हैं और अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं। सितंबर के महीने में बुआई के लिए कुछ अगेती आलू की किस्में हैं जो केवल 70 दिनों में बंपर पैदावार देने की क्षमता रखती हैं। यहाँ पर तीन प्रमुख अगेती किस्मों की जानकारी दी गई है:
1. कुफरी अशोक
- विवरण: कुफरी अशोक, जिसे पी जे-376 भी कहा जाता है, एक अगेती किस्म है जो गंगा तटीय इलाकों में अच्छी तरह से उगती है। यह सफेद आलू की किस्म है।
- फसल की तैयारी: 70 से 80 दिन
- उत्पादन क्षमता: प्रति हेक्टेयर 40 टन, औसतन 280 से 300 क्विंटल
- फायदा: यह किस्म यूपी, बिहार, बंगाल, पंजाब और हरियाणा में उगाई जाती है और कम समय में अच्छी उपज देती है।
2. कुफरी सूर्या
- विवरण: कुफरी सूर्या अधिक तापमान सहन करने में सक्षम है और इसे फ्रेंच फ्राइज और चिप्स के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। इसका आकार अन्य किस्मों की तुलना में बड़ा होता है।
- फसल की तैयारी: 75 से 80 दिन
- उत्पादन क्षमता: प्रति हेक्टेयर 300 से 350 क्विंटल
- फायदा: इस किस्म की खेती सिंधु-गंगा क्षेत्र में की जाती है और चिप्स और स्नैक्स की मांग बढ़ने के कारण लाभकारी हो सकती है।
3. कुफरी पुखराज
- विवरण: कुफरी पुखराज देश में सबसे ज़्यादा उगाई जाने वाली आलू की किस्म है और इसके उत्पादन में लगभग 33 प्रतिशत योगदान है। यह सफेद आलू की किस्म है।
- फसल की तैयारी: 70 से 90 दिन
- उत्पादन क्षमता: प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल
- फायदा: यह किस्म यूपी, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में उगाई जाती है और कम तापमान वाले इलाकों के लिए भी उपयुक्त है।
बुआई के लिए सुझाव:
- समय: आलू की अगेती किस्मों की बुआई 15 सितंबर से 25 सितंबर के बीच करनी चाहिए।
- खाद और सिंचाई: सही मात्रा में खाद और नियमित सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
- पौधों की देखभाल: पौधों की सही देखभाल और कीट नियंत्रण पर ध्यान दें।
इन अगेती किस्मों की बुआई से आप कम समय में बंपर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं और अपने फसल के उत्पादन को बेहतर बना सकते हैं।