Hariyali Teej : हरियाली तीज का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? जानिए इसका महत्व
Hariyali Teej
Hariyali Teej : हरियाली तीज का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? जानिए इसका महत्व
हरियाली तीज का त्यौहार मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है और यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं, शिव और गौरी की पूजा करती हैं, झूला झूलती हैं और सावन के गीत गाती हैं। यह त्योहार पति-पत्नी के बीच प्यार को मजबूत करने और आपसी विश्वास को बढ़ाने का त्योहार है।
व्रत और पूजा
इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और मिट्टी या रेत से शिवलिंग बनाकर माता पार्वती और उसकी पूजा करती हैं। पूजा में सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है और तीज माता की कहानी सुनी जाती है।
इस दिन हरी चूड़ियां, हरा वस्त्र, सोलह श्रृंगार और मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है। महिलाएं बड़े-बड़े पेड़ों पर चढ़कर अपनी सहेलियों के साथ झूला झूलती हैं और शिव-पार्वती से संबंधित गीत गाती हैं।
क्यों मनाया जाता है त्यौहार?
हरियाली तीज का त्योहार देवी पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की और श्रावण शुक्ल तीज के दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
क्या है महत्व?
यह त्यौहार विवाहित महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। श्रावण माह में हरियाली और प्रकृति की सुंदरता को समर्पित यह त्योहार हर्ष और उल्लास का प्रतीक है।
नवविवाहित लड़कियों को ससुराल से पीहर तक सिंजारा भेजा जाता है जिसमें कपड़े, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन, मेहंदी, घेवर-फानी और मिठाइयाँ शामिल होती हैं।