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गन्ने की फसल में आ गया है रेड रॉट या कैंसर तो ऐसे करें उपाए, जानें रोग के लक्षण और उपाय

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने बताया कि बरसात के मौसम में नमी के कारण गन्ने की फसल को रेड रॉट (कैंसर) रोग का सामना करना पड़ सकता है। यह रोग खासकर तब बढ़ता है जब खेत में कई दिनों तक पानी जमा रहता है, जिससे गन्ने की फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती है।

रोग के लक्षण और उपाय
1. लक्षण दिखने पर तुरंत कार्रवाई: अगर खेत में इस रोग के लक्षण दिखाई दें, तो किसान तुरंत निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें। रेड रॉट धीरे-धीरे फैलता है, इसलिए प्रभावित गन्ने को तुरंत उखाड़कर जलाना चाहिए।

2. भूमि की सफाई: प्रभावित क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर गड्ढे को बंद करें।

3. गन्ने की जांच: गन्ने को चीरकर उसकी अंदरूनी स्थिति जांचें। यदि गन्ना लाल दिखता है, तो पूरे खेत को नष्ट या जला देना उचित है, क्योंकि इस प्रकार के गन्ने को चीनी मिलें स्वीकार नहीं करतीं।

4. भविष्य के लिए सावधानियां: जिस खेत में यह रोग लगा हो, वहां तीन से चार साल तक गन्ने की खेती नहीं करनी चाहिए।

पुनः फसल लेने के उपाय
यदि किसान गन्ने की फसल फिर से लेना चाहते हैं, तो वे ट्राइकोडर्मा घुलनशील जैविक फफूंदी नाशक, स्यूडोमोनास और मेटाराइजम का कल्चर बना सकते हैं। इसे सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर खेत में अच्छी तरह डालने से फसल सुरक्षित और बेहतर होगी।

इन उपायों से किसान अपने गन्ने की फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और रोग के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

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