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ये जानवर गन्ने की फसल को 25 मिनट में कर देगा तबाह, जानिए कैसे करें बचाव
टिड्डे गन्ने की फसल के लिए एक गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं। उनकी छोटी सी उपस्थिति भी बड़ी समस्या बन सकती है, क्योंकि लाखों-करोड़ों की तादाद में जब वे हमला करते हैं, तो तेजी से फसल को नष्ट कर सकते हैं। यहां पर गन्ने की फसल को टिड्डों से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए जा रहे हैं:
टिड्डों का प्रभाव:
- फसल की क्षति: टिड्डे गन्ने की पत्तियों को खाकर उन्हें नष्ट कर देते हैं, जिससे पौधे की प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसके परिणामस्वरूप पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं और गन्ने की उपज में कमी आ जाती है।
- पौधे की सूखने की समस्या: कभी-कभी टिड्डे गन्ने के तने को भी काट देते हैं, जिससे पौधा सूख जाता है और फसल की गुणवत्ता खराब हो जाती है।
टिड्डों का नियंत्रण कैसे करें:
- रासायनिक उपचार:
- दवा का उपयोग: टिड्डों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए, 450 ml प्रोफ़ेनोफ़ॉस 40% ईसी + सायपरमैथ्रीन 4% ईसी (Profenofos 40% + Cypermethrin 4%) का प्रयोग करें।
- घोल बनाने की विधि: इस दवा को 625 लीटर पानी में मिला लें और इस घोल का छिड़काव 1 हेक्टेयर फसल में करें।
- दोबारा छिड़काव: यदि टिड्डों का प्रकोप दोबारा से दिखे, तो फिर से इसी मात्रा में दवा का घोल बनाकर छिड़काव करें।
- जलवायु और मौसम की निगरानी:
- मानसून के दौरान: टिड्डे मानसून के दिनों में अधिक सक्रिय होते हैं। इसलिए, फसल की नियमित निगरानी करें और टिड्डों के संकेत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करें।
- फसलों की नियमित निगरानी:
- नियमित निरीक्षण: गन्ने की फसल को नियमित रूप से निरीक्षण करें और टिड्डों के छोटे से छोटे संकेतों पर भी ध्यान दें।
- पारंपरिक उपाय:
- पानी का छिड़काव: कभी-कभी भारी मात्रा में पानी का छिड़काव भी टिड्डों को भगाने में मदद कर सकता है, हालांकि यह विधि अधिक प्रभावी नहीं हो सकती है।
सुझाव:
- समय पर उपाय: टिड्डों के हमले की शुरुआत होते ही तुरंत रासायनिक उपचार करें ताकि फसल की पूरी तरह से सुरक्षा हो सके।
- अन्य कीट प्रबंधन: साथ ही, अन्य कीटों और बीमारियों के प्रबंधन के लिए भी उचित कदम उठाएं ताकि फसल की गुणवत्ता और उपज बनाए रखी जा सके।
इन उपायों को अपनाकर आप अपनी गन्ने की फसल को टिड्डों के प्रकोप से सुरक्षित रख सकते हैं और उत्पादन में सुधार कर सकते हैं।