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धान की फसल की इस तरह करें देखभाल, बालिया निकलने पर न डाले ये खाद, जानें और क्या रखें ध्यान
धान की फसल की सही देखभाल के लिए, खासकर जब बालियां निकल रही होती हैं, किसानों को कुछ महत्वपूर्ण टिप्स पर ध्यान देना चाहिए। यहां पर कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार, धान की फसल की इस महत्वपूर्ण चरण में सिंचाई और खाद के उपयोग से संबंधित कुछ सलाह दी गई हैं:
सिंचाई के टिप्स:
- हल्की सिंचाई:
- धान की फसल में इस समय हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है। खेत में नमी बनी रहनी चाहिए, लेकिन पानी अधिक न भरें। अधिक पानी भरने से मिट्टी नरम हो सकती है, जिससे फसल गिर सकती है और दानों की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
- सिंचाई का समय:
- शाम के समय सिंचाई करें और सुबह को अतिरिक्त पानी खेत से बाहर निकाल दें। इससे फसल सुरक्षित रहेगी और अतिरिक्त नमी से बचाव होगा।
- तेज हवा का ध्यान रखें:
- तेज हवा के कारण फसल गिर सकती है। इसलिए खेत में पानी अधिक न भरें ताकि मिट्टी नरम न हो और पौधे गिरने से बच सकें।
खाद का उपयोग:
- यूरिया का संयमित उपयोग:
- गर्मी और कम बारिश के कारण यूरिया का अधिक इस्तेमाल भूरा फुदका के संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है। इसलिए, यूरिया का उपयोग संयमित रूप से करें और फसल की निगरानी रखें।
- भूरा फुदका नियंत्रण:
- भूरा फुदका, जो रस चूसता है, पौधों को सूखा सकता है। इसकी निगरानी रखनी चाहिए और अगर यह दिखाई दे तो अप्लाइड या ब्रूनो नाम की दवा का छिड़काव करें। एक एकड़ फसल के लिए 300 से 400 लीटर पानी का इस्तेमाल करें।
सारांश:
- सिंचाई: हल्की सिंचाई करें और सही समय पर पानी बाहर निकालें।
- खाद: यूरिया का सीमित प्रयोग करें और भूरा फुदका के नियंत्रण के लिए उचित दवाओं का उपयोग करें।
इन सलाहों का पालन करके आप अपनी धान की फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर बना सकते हैं।
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