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Big Breaking-Hindenburg Research का बड़ा खुलासा,मोडानी घोटाले में सेबी भी संलिप्त

सेबी की चीफ़ अगर इस्तीफ़ा नहीं देंगी तो जाँच कैसे होगी ? हिडंनबर्ग की रिपोर्ट को नकारने के लिए भी ये करना ज़रूरी है। अब संदेह हो रहा है, क्या इसीलिए जल्दी-जल्दी संसद का सत्र निपटाया गया है? ताकि सदन में हंगामा न हो। वक़्फ़ बोर्ड बिल को जल्दी से जेसीपी में भेजा गया होगा कि जल्दी समेटो ।

 

हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

 

सेबी अध्यक्ष की अडानी से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी

 

सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति के पास “अडानी स्कैंडल” में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

 

गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने शेल कंपनियों का जाल बिछाया और उनका इस्तेमाल भारत में निवेश के लिए किया गया।

 

 

मोडानी घोटाला सामने आने के बाद सेबी ने आश्चर्यजनक रूप से मॉरीशस और ऑफशोर शेल कंपनियों के जंजाल में कोई रुचि नहीं दिखाई। सेबी ने अडानी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

 

 

सेबी की चीफ़ अगर इस्तीफ़ा नहीं देंगी तो जाँच कैसे होगी ? हिडंनबर्ग की रिपोर्ट को नकारने के लिए भी ये करना ज़रूरी है। अब संदेह हो रहा है, क्या इसीलिए जल्दी-जल्दी संसद का सत्र निपटाया गया है? ताकि सदन में हंगामा न हो। वक़्फ़ बोर्ड बिल को जल्दी से जेसीपी में भेजा गया होगा कि जल्दी समेटो ।

 

हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

सेबी अध्यक्ष की अडानी से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी

 

 

सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति के पास “अडानी स्कैंडल” में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

 

गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने शेल कंपनियों का जाल बिछाया और उनका इस्तेमाल भारत में निवेश के लिए किया गया।

 

मोडानी घोटाला सामने आने के बाद सेबी ने आश्चर्यजनक रूप से मॉरीशस और ऑफशोर शेल कंपनियों के जंजाल में कोई रुचि नहीं दिखाई। सेबी ने अडानी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

 

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