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मटर की उन्नत किस्में जिनकी सितंबर से अक्टूबर के बीच करें बुवाई, बुवाई के दौरान ध्यान रखें ये बातें
मटर एक लाभकारी फसल है, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहां ठंड की शुरुआत में हरी मटर की मांग बढ़ जाती है। इसके अगेती किस्में जल्दी तैयार होती हैं और किसानों को अच्छा मुनाफा देती हैं। यहां हम मटर की उन्नत किस्मों और बुवाई के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स के बारे में जानकारी देंगे।
उन्नत मटर की किस्में
- आर्किल:
- विशेषताएँ: यह किस्म उच्च पैदावार और जल्दी पकने के लिए जानी जाती है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी तरह से अनुकूलित है।
- असुजी:
- विशेषताएँ: असुजी किस्म भी पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी पैदावार देने वाली है और जल्दी तैयार होती है।
बुवाई का समय और तरीका
- समय: पहाड़ी क्षेत्रों में मटर की बुवाई सितंबर से अक्टूबर के बीच की जानी चाहिए। इस समय के दौरान मिट्टी की नमी उचित रहती है और तापमान मटर के विकास के लिए उपयुक्त होता है।
- बुवाई के लिए तैयारी:
- खेत की तैयारी: बुवाई से पहले खेत की 2-3 बार अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए। इससे मिट्टी में हवा और नमी अच्छी तरह से समा जाती है।
- मिट्टी में पोषक तत्व: प्रति हेक्टेयर 50 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम पोटाश और 50 किलोग्राम फास्फोरस डालें। इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती।
- सिंचाई: खेत में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई का ध्यान रखें ताकि बीज अंकुरित हो सकें।
बुवाई के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- बीज की बुवाई: बीज को 10 सेंटीमीटर की दूरी पर बुवाएं। इससे पौधों को उचित पोषण मिलता है और वे आपस में संघर्ष नहीं करते।
- फफूंदनाशक का उपयोग: बीजों को बुवाई से पहले फफूंदनाशक से उपचारित करें ताकि रोगों से बचा जा सके।
फसल की देखभाल
- अंकुरण: बुवाई के 15 से 20 दिन बाद बीज अंकुरित हो जाते हैं।
- कीटनाशक: फसल के बड़े होने पर कीटों से बचाने के लिए कीटनाशकों का उपयोग करें।
- निराई-गुड़ाई: नियमित निराई-गुड़ाई से फसल को स्वस्थ बनाए रखें और घास-फूस से बचाएं।
फसल की पैदावार
- पैदावार की अवधि: मटर की फली पूरी तरह तैयार होने में लगभग 60 दिन लगते हैं।
तापमान और मिट्टी की स्थिति
- तापमान: मटर की खेती के लिए 18 से 22 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है।
- मिट्टी का पीएच स्तर: मिट्टी का पीएच स्तर 5 से 7 के बीच होना चाहिए।
मटर की यह उन्नत किस्में और सही बुवाई तकनीक आपके फसल के उत्पादन को बढ़ा सकती हैं और आपको अच्छे मुनाफे की संभावना प्रदान कर सकती हैं। यदि आप पहाड़ी क्षेत्रों में मटर की खेती कर रहे हैं, तो उपरोक्त टिप्स का पालन कर के आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।