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Why a banana stuck with tape sold for 50 Crore? 50 करोड़ रुपये में बिका दीवार पर चिपका केला: क्या है इसकी कहानी?

Why a banana stuck with tape sold for 50 Crore

50 करोड़ रुपये में बिका दीवार पर चिपका केला: क्या है इसकी कहानी?

 

एक साधारण दिखने वाले केले को दीवार पर टेप से चिपकाकर बनाई गई एक कलाकृति ने नीलामी में 50 करोड़ रुपये (6.2 मिलियन डॉलर) में बिककर सबको चौंका दिया। यह अद्भुत कलाकृति इटली के मशहूर कलाकार मरीजो कटेलिन द्वारा बनाई गई थी। इस खबर ने कला की दुनिया और सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी और उद्देश्य।

 

 

क्या है “डक्ट-टेप से चिपका केला”?

 

यह कलाकृति वास्तव में एक रियल केला है, जिसे साधारण डक्ट-टेप से दीवार पर चिपकाया गया। इसे नीलामी में जस्टिन सन, ट्रोन (TRON) क्रिप्टोकरेंसी के फाउंडर, ने खरीदा। इस कला को बेचे जाने की कीमत और उद्देश्य ने कला जगत से बाहर भी चर्चा बटोरी।

 

 

इतना महंगा केला? क्या है इसके पीछे का कारण?

 

आप सोच सकते हैं कि एक साधारण केला और डक्ट-टेप से इतनी बड़ी रकम वसूलना पागलपन है। लेकिन इसके पीछे का कारण समझना महत्वपूर्ण है। इसे कहा जाता है “अटेंशन मार्केटिंग”।

 

 

अटेंशन मार्केटिंग का उद्देश्य लोगों का ध्यान आकर्षित करना है, ताकि किसी ब्रांड या व्यक्ति को चर्चा का विषय बनाया जा सके। जस्टिन सन ने इस कला को खरीदकर अपने और अपनी कंपनी ट्रोन की ओर लोगों का ध्यान खींचा।

 

 

“अटेंशन मार्केटिंग” कैसे काम करती है?

 

अटेंशन मार्केटिंग एक ऐसी रणनीति है, जहां किसी ब्रांड को चर्चित बनाने के लिए असामान्य और अजीबोगरीब गतिविधियों का सहारा लिया जाता है। उदाहरण के लिए:

 

 

जस्टिन सन ने 50 करोड़ रुपये में केले की यह कलाकृति खरीदी।

 

इसके बाद, उनके और उनकी क्रिप्टोकरेंसी ट्रोन के बारे में अखबारों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हुई।
इस पब्लिसिटी के कारण ट्रोन की वैल्यूएशन में 10% का इजाफा हुआ, जिससे उनकी कंपनी की वैल्यू 8200 करोड़ रुपये बढ़ गई।
50 करोड़ का खर्च, 8200 करोड़ का फायदा

 

 

अगर मार्केटिंग के नजरिए से देखा जाए, तो यह सौदा बेहद फायदेमंद रहा। जस्टिन सन ने सिर्फ 50 करोड़ खर्च करके अपनी कंपनी के ब्रांड को चर्चा का विषय बना दिया। अखबार और मीडिया ने मुफ्त में उनके बारे में खबरें प्रकाशित कीं।

 

 

कला से क्या सीख सकते हैं?

 

यह घटना हमें सिखाती है कि सिर्फ साधारण चीजें भी सही रणनीति से बड़ी उपलब्धि दिला सकती हैं। चाहे वह कला हो या व्यवसाय, “अटेंशन मार्केटिंग” एक प्रभावशाली उपकरण हो सकता है।

 

निष्कर्ष
कला और मार्केटिंग के इस अद्भुत संगम ने दिखाया कि असामान्य विचार भी बड़े लाभ का कारण बन सकते हैं। यह सिर्फ एक केला नहीं था, बल्कि एक रणनीतिक कदम था, जिसने कला और व्यापार की नई संभावनाओं को उजागर किया।

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