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अगर धान की पत्ती में है पीलापन तो करें इसका छिड़काव, जानें कैसे करें छिड़काव
आपके द्वारा दिए गए जानकारी के अनुसार, धान की फसल की देखरेख के लिए उचित पोषण प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है। यहां कुछ मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में समझाया गया है:
- नाइट्रोजन का संतुलित उपयोग:
- नाइट्रोजन (N) बहुत अधिक मात्रा में देने से पौधों की पत्तियां हरी-भरी तो दिखती हैं, लेकिन जड़ों की कमजोरी, कम दानों की संख्या, और फफूंद व कीड़ों के हमलों की संभावना बढ़ सकती है।
- यदि धान की फसल 55 से 60 दिन की हो चुकी है, तो नाइट्रोजन का उपयोग बंद कर दें क्योंकि इससे फसल की मिठास बढ़ सकती है और कीटों का आकर्षण भी बढ़ सकता है।
- एनपीके 19:19:19 का छिड़काव:
- यदि धान के पौधों में पीलापन है, तो एनपीके 19:19:19 का छिड़काव करें जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश होते हैं।
- एक से दो किलोग्राम इस उर्वरक को 200 लीटर पानी में घोल कर एक एकड़ फसल में छिड़काव करें।
- इससे बाली में चमक बढ़ेगी और दानों का वजन बढ़ेगा।
- NPK 00:00:50 का छिड़काव:
- इस उर्वरक में 50% पोटाश होता है, जो दानों के वजन को बढ़ाने और फसल की चमक को सुधारने में मदद करता है।
- एक से दो किलोग्राम इस उर्वरक को 100 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।
- इससे रोगों से बचाव होगा और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इन सुझावों को अपनाकर, आप अपनी धान की फसल की वृद्धि और उत्पादन को बेहतर बना सकते हैं। उचित समय पर सही उर्वरक का उपयोग करना फसल की सेहत और उपज पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।